कुक्षी में जवेरी के घर सैयदना साहब का आगमन
दाहोद जिला चीफ ब्यूरो शब्बीर भाई सुनेलवाला
कुक्षी में जवेरी के घर सैयदना साहब का आगमन कुक्षी इस समय दाऊदी बोहरा समाज के लोगों से घिरा हुआ है क्योंकि मध्य प्रदेश की जमीन पर कुछ दिनों पहले एक फरिश्ते का आगमन हुआ जिसे सिर्फ देखने मात्र के लिए हजारों की संख्या में बोहरा समाज ही नहीं हर समाज के लोग जगह-जगह पर ताक लगाए बैठे हुए हैं सैयदना साहब का वर्तमान दौरा कुक्षी बड़वानी की ओर है जहां पहुंचकर समाज की मस्जिदों का आपके द्वारा लोकार्पण किया गया कई लोगों के घरों में सैयदना साहब के द्वारा पधार कर आशीर्वाद दिया गया सभी बोहरा समाज के लोग इस पावन अवसर का लाभ लेने में लगे हुए वही एक ऐसा नजारा देखने में आया जो किसी चमत्कार से कम नहीं है कुक्षी में ही एक जवेरी हीराचंद (हरीश) सोनी यानी कि हरीश भाई सोनी के घर सैयदना साहब का ठीक उसी प्रकार आगमन हुआ है जैसे बोहरा समाज जानो के घर होता है वैसे ही धार्मिक रीति रिवाज से उनका स्वागत किया गया जिसे देखकर हर कोई हैरान है कुछ साल पहले हुआ था चमत्कार हर किसी के मन में यह प्रश्न उठ रहा है कि बोहरा समाज के धर्मगुरु का स्वागत आखिर एक सुनार के घर वह भी पूरे धार्मिक रीति रिवाज से क्यों हुआ क्या कारण है ? जवेरी के द्वारा ऐसा कौन सा पुण्य का काम किया गया था कि आज सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब के द्वारा जवेरी को इस पुण्य का लाभ दिया गया ?इस संबंध में जब अधिक जानकारी एकत्रित की तो एक चमत्कार सामने आया जिसमें पता चला कि जिस जवेरी के यहां आज सैयदना साहब ने आगमन किया है उन्हें पूर्व सैयदना साहब 52 में धर्मगुरु सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब के द्वारा सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब के 53 वे धर्म गुरु बनने की सपने में भविष्यवाणी की थी यानी कि जवेरी को सैयदना साहब ने अपने पुत्र सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब के 53 में धर्मगुरु होने की निशानी बताई थी जब साहब ने अपने पुत्र सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब के 53 में धर्मगुरु होने की निशानी बताई थी जब सैयदना साहब 53वे धर्मगुरु बने तब कुक्षी के इस जवेरी ने इसकी खबर समाज के लोगों को दी थी । आज उसी का फल है कि जवेरी के परिवार को आशीर्वाद देने के लिए सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब ने जवेरी के घर आगमन किया है । ज्ञात हो कि दाऊदी बोहरा समाज में धर्मगुरु का चयन सैयदना साहब के द्वारा ही नस के रूप में किया जाता है जिसका जीता जागता सबूत मुंबई बोहरा समाज की दरगाह पर सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब के द्वारा सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब को चयन कर कर किया गया थाकुक्षी के लिए यह गौरव का समय है और इतिहास के पन्नो में अपना नाम दर्ज करवाने का ऐसा समय है जिसे ना तो समाज भुला सकता है ना ही आने वाला समय